શુક્રવાર, 19 ઑગસ્ટ, 2011

पायोजी मैंने राम रतन धन पायो

पायोजी मैंने  राम रतन धन पायो,
पायोजी मैंने  राम रतन धन पायो.

वस्तु अमोलिक दी मेरे सदगुरु,
किरपा कर अपनायो.

जनम जनम की पूंजी पाई,
जग में सभी सवायो.
पायोजी मैंने  राम रतन धन पायो.

खरचे न खुटे चोर न लूटे,
दिन दिन बढ़त सवायो
पायोजी मैंने  राम रतन धन पायो.

सत की नाव खेवटिया सदगुरु
भवसागर तर आयो.
पायोजी मैंने  राम रतन धन पायो.

मीरा के प्रभु गिरधर नागर,
हरख हरख जश गयो.
पायोजी मैंने  राम रतन धन पायो.