શુક્રવાર, 24 મે, 2013

मोहब्बतमें गम भुलाए नहीं जाते

मोहब्बतमें गम भुलाए नहीं जाते,
ज़ख्म कितने भी गेहरे हो दिखाए नहीं जाते.

लोग आकर पूछते है मेरा हाल हरबार लेकिन,
मोहब्बतमें कातिल के नाम बताए नहीं जाते.

नजर हमारी खुदाने ही मिलाई होगी,
हम किसीसे नजरे मिलाने नहीं जाते.

अपने महेलमें रोशनी करते नहीं हम,
क्योंकि हमसे दूसरों के घर जलाए नहीं जाते.

बोलने से पेहले जरा सोच लिया करो,
अल्फाज़ वापस मिटाए नहीं जाते.

हँसते है लोग दिल खोलके गिरने पर,
अनजान को कोई उठाने नहीं जाते.

चीख निकली होगी कितने गलोसे लेकिन,
यहाँ कोई किसीको बचाने नहीं जाते.

लोरी का मतलब भी उनको मालुम नहीं,
यहाँ अनाथ को कोई सुलाने नहीं जाते.

कब्रमें ही आराम मिलेगा 'आनंद',
वहा पर कोई भी सताने नहीं जाते.