સોમવાર, 13 મે, 2013

क्या डरना ?

उल्फत की जंजीर से क्या डरना ?
अपनी ही तक़दीर से क्या डरना ?
खुद पर अगर भरोषा हो तो,
अपने हाथो की लकीर से क्या डरना ?

समंदर की गहराई से क्या डरना ?
लहरों की ऊँचाई से क्या डरना ?
आत्मविश्वास की नावमे बैठ के निकलो,
फिर कातिल तुफानो से क्या डरना ?

आसमान की बुलंदी से क्या डरना ?
बादलों के अंधेरे से क्या डरना ?
हिम्मत के परो से उड़ना सीखो,
फिर बिजली की आग से क्या डरना ?

बर्फीली चट्टानों से क्या डरना ?
बर्फीले तुफानो से क्या डरना ?
अपने सिनेमे शोला भड़का दो
हिमालय की चोटी से फिर क्या डरना ?

घनघोर काली रातो से क्या डरना ?
अन्जाने सब डर से क्या डरना ?
'आनंद' सत्य का दीप जला दे दिलमे
जूठ, फरेब फिर मक्कारी से क्या डरना ?